भगवान से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है शुद्ध भक्तों की सेवा, क्योंकि शास्त्रों में स्वयं भगवान ने एकादश स्कंद में कहा है: मद्भक्तपूजाभ्यधिका – मेरे शुद्ध भक ...
आचरण, प्रेम और करुणा के माध्यम से, हम न केवल अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि पूरी दुनिया को बदलने की क्षमता रखते हैं। जानें कैसे!
इस लेख में जानिए कि किस तरह स्वार्थी प्रवृत्ति हमें वास्तविकता से दूर ले जाती है। एक नई दृष्टि के साथ इस दुनियाभर के संबंधों पर विचार करें।
भगवान के प्रति इंद्रियों को समर्पित करने से जीवन में वास्तविक आनंद प्राप्त होता है। जानें कैसे यह साधना आपके जीवन को बदल सकती है।
सही मार्ग भक्ति का है! हमारी भौतिक इच्छाओं को भक्ति और याचना के माध्यम से कैसे सिद्ध किया जा सकता है, इसके बारे में जानिए।
क्या आप ब्राह्मण के वास्तविक उद्देश्य को समझना चाहते हैं? यहाँ आपको भगवान के प्रति समर्पण और सेवा के महत्व के बारे में जानकारी मिलेगी।